समाजशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषाएं10
समाज शास्त्र को अंग्रेजी में sociology कहते हैं जो दो शब्दों सोशियो(socio )तथा लॉजी(Logy) से मिलकर बना है सोशियो लेटिन भाषा के socius शब्द से बना है जिसका अर्थ है समाज और लॉजी(logy) ग्रीक भाषा के logos शब्द से बना है जिसका अर्थ है विज्ञान या शास्त्र हैD, इस प्रकार समाजशास्त्र का शाब्दिक अर्थ समाज का अध्ययन करना है समाजशास्त्र का स्पष्ट रूप से अर्थ जानने के लिए हमें समाज एवं विज्ञान का अलग-अलग अर्थ समझना आवश्यक है
समाज का अर्थ: -सामान्यतः बोलचाल की भाषा में समाज को लोगों का समूह समझा जाता है लेकिन यह लोगों का समूह ने होकर एक अमूर्त समाज होता है अमूर्त का अर्थ है जिसे देखा न जा सके, छुआ न जा सके जिसे केवल महसूस किया जा सकता है क्योंकि मानव का कोई ना कोई उद्देश्य एवं आवश्यकताएं होती हैं और इन आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए वह एक दूसरे से अंतः क्रिया तथा प्रतिक्रिया के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े होते हैं इस जुड़ाव के कारण इनके बीच में विभिन्न प्रकार के संबंध स्थापित हो जाते हैं जैसे पति पत्नी, शिक्षक छात्र, नौकर मालिक, भाई बहन ,पिता-पुत्र आदि अतः लोगों के बीच संबंधों को ही समाज कहते हैं मैकाइवर एवं पेज ने कहा है समाज सामाजिक संबंधों का जाल है
विज्ञान का अर्थ: -किसी भी विषय के व्यवस्थित और क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कहा जाता है| विज्ञान में निरीक्षण और पर्यवेक्षण के द्वारा विभिन्न समस्याओं की खोज की जाती है तथा प्राप्त परिणामों के आधार पर सिद्धांतों का प्रतिपादन किया जाता है और उन्हें ज्ञान के क्षेत्र में व्यवस्थित और संगठित किया जाता है|
समाज तथा विज्ञान के अलग-अलग अर्थ से स्पष्ट होता है कि समाजशास्त्र एक ऐसा विषय है जिसमें सामाजिक संबंधों का क्रमबद्ध, व्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से अध्ययन किया जाता है|
समाजशास्त्र की वैसे तो कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं है परंतु विभिन्न विद्वानों ने इसे अपने अपने दृष्टिकोण से परिभाषित करने का प्रयास किया है |इसकी परिभाषा ओं को हम अपनी सुविधा के लिए निम्न श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं ---
A-समाजशास्त्र सामाजिक संबंधों का अध्ययन --
कुछ विद्वानों ने समाजशास्त्र की परिभाषा सामाजिक संबंधों के आधार पर प्रस्तुत की है इन विद्वानों के अनुसार समाजशास्त्र मैं सामाजिक संबंधों का वैज्ञानिक अध्ययन पर अधिक जोर दिया है ऐसी प्रमुख परिभाषाएं निम्न प्रकार हैं-----
मैकाइवर एवं पेज: -समाजशास्त्र सामाजिक संबंधों का जाल है|
क्यूबर के अनुसार :-समाजशास्त्र को मानव संबंधों के वैज्ञानिक ज्ञान के ढांचे के रूप में परिभाषित किया जा सकता है|
सीमेल के अनुसार: -समाजशास्त्र मानव अंतर संबंधों के स्वरूपों का विज्ञान है|
रोज के अनुसार :-समाजशास्त्र मानव संबंधों का विज्ञान है |
ग्रीन के अनुसार :- समाजशास्त्र संश्लेषणआत्मक और सामान्यीकरण करने वाला वह विज्ञान है जो मनुष्यों और सामाजिक संबंधों का अध्ययन करता है|
B-समाजशास्त्र समाज का अध्ययन है ----
कुछ विद्वानों के अनुसार समाजशास्त्र समाज का विज्ञान है इन विद्वानों ने समाजशास्त्र की परिभाषा समाज को प्रमुख आधार मानकर निम्न प्रकार दी है ओडम के अनुसार: -समाजशास्त्र वह विज्ञान है जो समाज का अध्ययन करता है |
वार्ड के अनुसार :-समाजशास्त्र समाज का विज्ञान है| जींसबर्ग के अनुसार :-समाजशास्त्र समाज के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है |
गिड्डिंग्स के अनुसार :-समाजशास्त्र समग्र रूप से समाज का क्रमबद्ध वर्णन तथा व्याख्या है|
उपरोक्त परिभाषाओं में समाजशास्त्र को समाज के अध्ययन के रूप में प्रतिपादित किया गया है| समाजशास्त्र का शाब्दिक अर्थ ही समाज का अध्ययन नहीं है अपितु अनेक विद्वानों ने इसे इसी आधार पर परिभाषित भी किया है परंतु यह परिभाषाएं समाजशास्त्र के मूल अर्थ के निकट होते हुए भी पर्याप्त स्पष्ट एवं वैज्ञानिक नहीं है क्योंकि इन परिभाषा ओं में कहीं भी समाज की संकल्पना को स्पष्ट नहीं किया गया है|
C -समाजशास्त्र सामाजिक जीवन और मनुष्यों के व्यवहार का अध्ययन है
कुछ विद्वानों ने समाजशास्त्र को सामाजिक जीवन, मनुष्य के विभिन्न व्यवहारों ,उनके कार्यों ,जीवनशैली उनके जीवन में घटने वाली विभिन्न घटनाओं के आधार पर परिभाषित किया है |
किंबल यंग के अनुसार :-समाजशास्त्र समूह में मनुष्य के व्यवहार का अध्ययन करता है |
बैनेट एवं ट्यूमिन अनुसार :-समाजशास्त्र सामाजिक जीवन के ढांचे और कार्यों का विज्ञान है
आगबर्न एवम नीमकाफ के अनुसार :-समाजशास्त्र सामाजिक जीवन का वैज्ञानिक अध्ययन है |
उपरोक्त परिभाषाओं में समाजशास्त्र को मुख्य रूप से सामाजिक जीवन और मनुष्यों के व्यवहारों के वैज्ञानिक अध्ययन के रूप में प्रस्तुत किया गया है|
D समाजशास्त्र समूहों के अध्ययन के रूप में
जानसन के अनुसार :-समाजशास्त्र सामाजिक समूहों का विज्ञान है|
E-समाजशास्त्र सामाजिक अंतर क्रिया के रूप में
मोरिस गींसबर्ग: -समाजशास्त्र मानवीय अंत क्रियाओं, अंत संबंधों उनकी दशाओं और परिणामों का अध्ययन है |
समाजशास्त्र की कुछ अन्य परिभाषाएं
दुर्खीम के अनुसार: -समाजशास्त्र सामूहिक प्रतिनिधि का विज्ञान है|
रॉबर्ट पार्क के अनुसार: -समाजशास्त्र सामूहिक व्यवहार का विज्ञान है|
फेयर चाइल्ड के अनुसार :-समाजशास्त्र मनुष्यों एवं उनके मानवीय पर्यावरण के मध्य संबंधों का अध्ययन है|
उपरोक्त परिभाषा से यह स्पष्ट होता है कि समाजशास्त्र समाज ,सामाजिक संबंधों ,सामाजिक जीवन, सामाजिक समूहों ,सामाजिक घटनाओं ,सामाजिक क्रियाओं ,सामाजिक कार्यों ,मनुष्य के व्यवहारों इत्यादि का व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध अध्ययन करने वाला, विज्ञान है
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