व्यक्ति एवं समाज( individual and Society)3

समाज एवं व्यक्ति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं व्यक्ति के अभाव में समाज की कल्पना नहीं की जा सकती  व्यक्तियों के विभिन्न क्रियाकलाप समाज से संबंधित होते हैं व्यक्तियों के मध्य जो संबंध होते हैं उन से ही समाज का निर्माण होता है मात पिता से केवल मनुष्य को शरीर प्राप्त होता है शरीर को विभिन्न गुण जैसे विश्वास ,सहयोग, दया, प्रेम ,मान सम्मान, समर्पण, इमानदारी ,कर्तव्यनिष्ठा आदि गुम समाज के द्वारा ही प्राप्त होते हैं मनुष्य के संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण समाज ही करता है मनुष्य के अभाव में सामाजिक संबंधों की कल्पना नहीं कर सकते,  समाज के कारण ही मनुष्य की आवश्यकताएं एवं उनके उद्देश्य पूर्ण होते हैं मानव को  स्वस्थ एवं खुशनुमा जीवन जीने के लिए समाज पर ही निर्भर होना पड़ता है

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