समाजशास्त्र की प्रकृति की मुख्य विशेषताएं chief characteristics of the nature of sociology

रॉबर्ट वीरस्टडी समाजशास्त्र की प्रकृति के संबंध में कुछ विशेषताओं का उल्लेख किया है| इन विशेषताओं को निम्न प्रकार से समझाया जा सकता है:-
1-समाजशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है, ना कि एक प्राकृतिक विज्ञान- वीरस्टडी का कहना है कि समाजशास्त्र निश्चित रूप से एक सामाजिक विज्ञान है| उनका अभिप्राय यह नहीं है कि समाजशास्त्र और सामाजिक विज्ञान एक ही हैं, अपितु समाजशास्त्र सामाजिक विज्ञानों में से एक विज्ञान है ,क्योंकि इसका संबंध भौतिक तथा प्राकृतिक घटनाओं से न होकर सामाजिक घटनाओं ,समाज तथा सामाजिक संबंधों से हैं |क्योंकि इसका भौतिक घटनाओं से कोई संबंध नहीं है इसलिए समाजशास्त्र को प्राकृतिक विज्ञानों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता|
2-समाजशास्त्र तथ्यात्मक विज्ञान है, आदर्श आत्मक विज्ञान नहीं:- समाजशास्त्र सामाजिक संबंधों का तथ्यात्मक अध्ययन करता है |यह शास्त्र क्या है का अध्ययन करता है क्या होना चाहिए का   अध्ययन नहीं करता |इसलिए समाजशास्त्र को तथ्यात्मक सामाजिक विज्ञान माना जाता है न कि आदर्शआत्मक विज्ञान|
3-समाजशास्त्र एक अमूर्त विज्ञान है ,ना कि मूर्त विज्ञान:- समाजशास्त्र अन्य सामाजिक विज्ञानों की   तरह अमूर्त है, क्योंकि इसकी विषय वस्तु सामाजिक संबंध है तथा सामाजिक संबंधों को मूर्त रूप में नहीं देखा जा सकता |सामाजिक संबंध क्योंकि अमूर्त होते हैं अतः समाजशास्त्र भी एक अमूर्त विज्ञान है| 4-समाजशास्त्र एक विशुद्ध विज्ञान है ,ना कि व्यावहारिक विज्ञान -समाजशास्त्र एक विशुद्ध विज्ञान है, क्योंकि अन्य विशुद्ध विज्ञानों की तरह यह भी क्रमबद्ध ज्ञान प्राप्त करता है तथा अपनी ओर से किसी प्रकार के व्यावहारिक सुझाव नहीं देता है|
5- समाजशास्त्र एक सामान्य विज्ञान है, न की विशिष्ट विज्ञान:- समाजशास्त्र एक सामान्य विज्ञान है, क्योंकि इसका संबंध समाज तथा सामाजिक घटनाओं से है जो सब में समान है अतः यह एक सामान विज्ञान है| 6-समाजशास्त्र तार्किक तथा अनुभव आश्रित दोनों प्रकार का विज्ञान है -समाजशास्त्र एक तार्किक विज्ञान है, क्योंकि इसमें प्रत्येक घटना की तार्किक व्याख्या देने का प्रयास किया जाता है |यह एक अनुभवआश्रित विज्ञान भी है, क्योंकि इसका अध्ययन पुस्तकालय में नहीं अपितु अनुसंधान क्षेत्र में जाकर किया जाता है|
7-समाजशास्त्र एक सामान्यीकरण करने वाला विज्ञान है ,ने की  विशेषसीकरण करने वाला विज्ञान है :- यह मानव अंतः क्रिया और संबंधों के बारे में सामान्य नियमों या सिद्धांतों का पता लगाता है, मानव समूह और समाजों की प्रकृति ,स्वरूप ,विषय वस्तु और संरचना का पता लगाना है |यह इस बात में रुचि नहीं रखता कि  कारगिल में पाकिस्तान ने जून ,1999 में भारत पर आक्रमण किया ,बल्कि इस ,  समाजशास्त्रीय सिद्धांत में रुचि रखता है कि किसी समूह की अंदरूनी  दृढ़ता  बढ़ाने में विदेशी आक्रमण एक महत्वपूर्ण कारक है |यह कश्मीर में पनपता आतंकवाद है या नहीं और इसके पीछे क्या प्रवृतियां हैं यह समझना समाजशास्त्र का काम है|
संक्षेप में वीर स्टडी के विवरण को निम्न प्रकार से प्रस्तुत किया जा सकता है:-
समाजशास्त्र क्या है ?
1-सामाजिक विज्ञान
2-तथ्यात्मक या वास्तविक विज्ञान
3-अमूर्त विज्ञान
4-विशुद्ध विज्ञान
5- सामान्य विज्ञान
6-तार्किक व अनुभवी विज्ञान 
7-सामान्यीकरण विज्ञान
समाजशास्त्र क्या नहीं है?
1-प्राकृतिक विज्ञान
2-आदर्शआत्मक विज्ञान
3-मूर्त विज्ञान
4-व्यावहारिक विज्ञान
5-विशिष्ट विज्ञान
6-विशेषईकरण करने वाला विज्ञान
उपरोक्त विवरण द्वारा स्पष्ट है कि समाजशास्त्र एक सामाजिक, तथ्यात्मक, अमूर्त विज्ञान है| यह एक सामान्य तथा तार्किक विज्ञान है |यह प्राकृतिक तथा आदर्शआत्मक , मूर्ख विज्ञान नहीं है|

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