आपकी सफलता में स अक्षर से बने शब्दों का योगदान
अपने जीवन में प्रत्येक व्यक्ति सफल होना चाहता है| परंतु प्रत्येक व्यक्ति सफल नहीं हो पाता है| क्योंकि जीत हासिल करने के लिए कुछ गुणों का होना अति आवश्यक है |यदि यह गुण हम अपने जीवन में अपनाएं तो मनपसंद क्षेत्र में सफलता के नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं | उसमें भी यदि ' स 'अक्षर से प्रारंभ शब्दों का प्रयोग किया जाए तो परिणाम और अधिक बेहतर आते हैं | जैसे कि:-
1. सकारात्मक नजरिया:- जीवन में व्यक्ति की सोच और उसका नजरिया व्यक्ति को सफल और असफल बनाने में बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है| यदि किसी व्यक्ति की सोच और नजरिया नकारात्मक है तो वह बहुत अधिक लंबे समय तक किसी भी क्षेत्र में नहीं जम सकता है| जिन व्यक्ति की सोच और नजरिया सकारात्मक होता है वह प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के नित्य नए कीर्तिमान स्थापित करते हैं| नकारात्मक सोच एवं नजरिया के लोग किसी भी क्षेत्र में कुछ समय के लिए सफलता तो प्राप्त कर लेते हैं लेकिन यह सफलता उनके पास बहुत अधिक समय तक नहीं रुकती है| सफलता का लंबे समय तक सुख भोगने के लिए व्यक्ति में सकारात्मक सोच एवं अच्छे नजरिए का होना अति आवश्यक है| सकारात्मक नजरिया एवं सोच वाले व्यक्ति को हो सकता है कि सफलता मिलने में कुछ समय लगे लेकिन जब मिल जाती है तो वह स्थाई और बहुत ही खुशनुमा होती है|
2. स्वयं अनुशासन:- किसी भी कार्य में सफल होने के लिए अनुशासन में रहना प्रथम एवं अनिवार्य गुण है| यदि आप किसी भय के कारण अनुशासन का रास्ता अपना रहे हो तो उसके परिणाम अधिक प्रभावशाली नहीं होते हैं आप देख सकते हैं कि चाहे महात्मा गांधी हो, अब्दुल कलाम हो, नरेंद्र मोदी जी हो, सचिन तेंदुलकर हो, बिल गेट्स हो ,अमिताभ बच्चन हो
निश्चित रूप से इन लोगों ने जो अपने क्षेत्रों में सफलता के नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं उसके पीछे स्वयं अनुशासन का ही गुरु मंत्र रहा है | किसी कक्षा में 30 से 40 स्टूडेंट होते हैं उन सभी स्टूडेंट को एक जैसा वातावरण उपलब्ध कराया जाता है एक जैसे अध्यापक उपलब्ध कराए जाते हैं उसके बावजूद कुछ बच्चे कक्षा में प्रथम आते हैं ,कुछ केवल पास होते हैं, कुछ फेल हो जाते हैं| इन सभी के पीछे जो बच्चा जितना स्वयं अनुशासित होकर सीखने का प्रयास करता है वह उतना ही अपने जीवन में प्राप्त करता है |स्वर अनुशासित व्यक्ति बड़ी से बड़ी समस्या को भी सामान्य बनाने का गुन रखता है| स्वयं अनुशासन व्यक्ति में आत्मविश्वास, नई ऊर्जा, नई उमंग का विकास करता है|
3. स्वयं परिश्रम:- जब आप किसी के कहने से परिश्रम करते हो और एक परिश्रम आप अपने स्वयं के विवेक से करते हो तो उस परिश्रम में जमीन और आसमान का अंतर होता है| किसी अन्य के द्वारा बताए गए कार्य को पूर्ण करने में एक तो अधिक समय लगता है, कम प्रभावशाली होता है ,अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं, उतनी अच्छी क्वालिटी भी नहीं होती है, जितना स्वयं अंतरात्मा के द्वारा किए गए परिश्रम में होता है| अंदर से एक जो कार्य को करने के लिए आवाज निकलती है उसके परिणाम, उसकी क्वालिटी ,उसका समय बहुत अच्छा होता है,बहुत ही सुखदायक होता है| स्वयं परिश्रम करने वाला व्यक्ति कार्य को पूरी तल्लीनता के साथ, पूरी खुशी के साथ ,अच्छे परिणाम के साथ ,खत्म करने का प्रयास करता है |स्वर के परिश्रम से जिस वस्तु का निर्माण आप करते हैं ,जिस कार्य को आप पूर्ण करते हैं, उसको करने में वास्तव में ही अनंत सुख प्राप्त होता है |जब आपके अंदर से किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए आवाज निकलती है वह कार्य करने में जो आनंद की प्राप्ति होती है उस आनंद को आप शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते हो| स्व परिश्रमी व्यक्ति के लिए बड़े से बड़ा कार्य भी बहुत छोटा लगता है| स्व परिश्रमी व्यक्ति का स्वागत स्वयं सफलता आकर करती है|
4. सच्चे मित्र:- हमें इस बात का पता होना चाहिए कि सच्चे मित्र कौन है ?कौन कपटी हैं? अर्थात मित्रों के वेश में शत्रु या रावण कौन हैं? सच्चे मित्र का साथ अंधेरे में रोशनी के समान है |यदि आपके जीवन में सच्चे मित्र हैं तो आपको सफलता प्राप्त करने से दुनिया में कोई नहीं रोक सकता| सच्चा मित्र वह है जो आप की गलतियों को आपके मुख पर ही उसके भविष्य में पुनः न दोहराने के लिए आपको सलाह देता हो |आपके अच्छे कार्यों के लिए आपका उत्साहवर्धन करता हो| आपके गलत होने पर आपको गलत बताते हुए भी आपका साथ दे रहा हो| आप उस पर और वह आप पर पूर्ण विश्वास करता हो| वह आपका सच्चा मित्र है | आज के कलयुग में सच्चे मित्र का मिलना भी समझ लीजिए जैसे साक्षात भगवान मिल गए हो |किसी ने कहा भी है कि एक सच्चा मित्र हजारों लाइब्रेरी के समान होता है|
5. सहयोग की भावना:- सहयोग एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को आगे बढ़ने में नई ऊर्जा का संचार करता है और लोगों को भी उन्नति करने के नए-नए मार्ग दिखाता है जो व्यक्ति के जीवन मैं आने वाली बड़ी से बड़ी समस्या का हल सेकंडो में ढूंढ लेता है| सहयोग एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति नित नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए प्रेरित करता है |सहयोग की भावना रखने वाले व्यक्ति के आसपास का वातावरण सदैव सकारात्मक, अनंत सुख देने वाला ,मन को मोहने वाला होता है| सहयोग की भावना रखने वाले व्यक्ति के सामने कभी भी कोई समस्या नहीं आती है और यदि आती भी है तो वह बहुत ही क्षण भर के लिए आती है जिसका वह बड़े ही विवेक के साथ हल निकाल लेता है| इस गुण के कारण व्यक्ति को संपूर्ण विश्व एक परिवार के समान लगता है और उसके सामने सभी समस्याएं बहुत ही सूक्ष्म लगती हैं|
6. सामाजिक कार्यों में रुचि:- छोटे से छोटा कीट से लेकर बड़े से बड़े जानवर या फिर कोई व्यक्ति अपना कार्य तो सब स्वयं ही करते हैं| क्या आपने कभी सोचा है ?कि हमें अन्य जीवो से अलग क्यों बनाया गया है? कभी आपने सोचा है महात्मा गांधी को लोग क्यों याद करते हैं? सुभाष चंद्र बोस को क्यों याद करते हैं ?भगत सिंह को क्यों याद करते हैं ?अब्दुल कलाम को क्यों याद करते हैं? बल्लभ भाई पटेल को क्यों याद करते हैं? दीवारों पर महापुरुषों की ही तस्वीरें क्यों लगाते हैं ?उन्हीं की जयंती पूरा विश्व क्यों मनाता है? हमारे दादा परदादा ओं को लोग क्यों याद नहीं करते हैं? क्योंकि लोग उन्हीं को याद करते हैं जो अपने लिए न जीकर अन्य के लिए जीते हैं अन्य के दुख दर्द को अपना दुख दर्द समझते हैं| जो व्यक्ति सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेता है उसमें आत्मविश्वास, रचनात्मक कार्यों एवं आत्मसम्मान का विकास बहुत ही उच्च स्तर का होता है| जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में सामाजिक कार्यों को चुना है वह निश्चित ही इस दुनिया में इतिहास रच कर गया है|
7. शिक्षा :- शिक्षा एक ऐसा यंत्र है जो व्यक्ति को जीरो से हीरो बना सकता है| शिक्षा के द्वारा ही पशु और मानव में विभेद किया जाता है |शिक्षा से व्यक्ति के जीवन में फैले अंधकार को दूर कर उसके जीवन में नई सूर्य की किरणों का विकास होता है | शिक्षा ही व्यक्ति में अच्छे एवं बुरे में विभेद करना सिखाती है |शिक्षित व्यक्ति अपना तो विकास करता ही है उसके साथ वह समाज और राष्ट्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है| शिक्षित व्यक्ति के कार्य करने का तरीका अनपढ़ व्यक्ति से बहुत ही बेहतर होता है| शिक्षा लोगों को जीवन जीने का तरीका बताती है|
8. स्वस्थ एवं स्वच्छ:- व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य का बहुत अधिक महत्व है| क्या आपने कभी सोचा है? कि जब मानव का स्वास्थ्य सही नहीं होता है तो उसके लिए दुनिया की अनमोल चीजें कैसी लगती हैं ?क्या आपने सोचा है? कि मानव की एक आंख नहीं हो तो उसके लिए यह दुनिया कैसी लगती है ?क्या आपने सोचा है?यदि आपकी दोनों टांगे ने हो तो यह दुनिया आपको कैसी लगेगी ?आपने कभी सोचा है? यदि आपके दोनों आंखें ना हो तो दुनिया आपको कैसी लगेंगी ?यदि कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो यह विश्व उसके लिए बेकार है किसी कार्य को पूर्ण करने में मानव का स्वास्थ्य काफी महत्व होता है मानव का स्वास्थ्य इस दुनिया की सबसे बेशकीमती भगवान की दी हुई बहुमूल्य चीज है मानव को अपने सारिक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर जितना अधिक ध्यान देगा नित नई सफलताओं को प्राप्त करेगा तथा उनका उपभोग भी वह बड़े आनंद के साथ कर पाएगा|
9. सभी का मान सम्मान:- जो व्यक्ति बड़े बुजुर्गों , छोटे बड़ों, अपने गुरु ,अपने माता पिता का मान सम्मान करते हैं |उसे समाज अपनी पलकों पर बैठता है| सफलता उसके कदमों को चूमती है| जिस व्यक्ति में यह गुण होता है वह निश्चित रूप से इतिहास भी रिश्ता है इतिहास में ऐसे गुणवान व्यक्ति का नाम स्वर्ण अक्षरों में सदैव के लिए लिख जाता है|
10. सीखने की जिज्ञासा:- इस गुण के कारण व्यक्ति नित नए अनुभवों को प्राप्त करता है |सीखने की आदत के कारण व्यक्ति नित नई सफलताओं को प्राप्त करता है तथा व्यक्ति को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता वह निश्चित ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है |
11. समय का सदुपयोग:- जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में समय को महत्व दिया है समय का सदुपयोग किया है| निश्चित ही समय ने भी उस व्यक्ति का भरपूर सहयोग किया है| समय का सदुपयोग करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी निराशा का मुंह नहीं देखता है |वह नित्य नए मुकाम को नई ऊर्जा नई खुशियों को प्राप्त करता है| समय का सदुपयोग करने वाला व्यक्ति सदैव अपने आसपास सकारात्मक वातावरण का निर्माण करता है| उसके आसपास के लोग उससे सदैव प्रसन्न रहते हैं कभी भी वह मायूस नहीं होता है |उसके द्वारा किया गया कार्य पूर्ण शुद्ध होता है सही होता है और प्रभावशाली होता है|
इसके अतिरिक्त से अक्षर से बने शब्दों जैसे सहनशील, सृजनात्मक, समाधि, स्कूल, शिक्षक, संस्कृति, सभ्यता ,संबंध, संघर्ष, संस्कार, सद्भावना, सगे संबंधी, स्वागत ,शुभ ,समय ,संगठन, समूह, समाज, स्वास्थ्य, स्वच्छता ,सुंदरता, साक्षात्कार, स्वतंत्रता, संख्या, सागर, सरल ,सज्जन, सुविधा आदि का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है |जितना हम इन्हें महत्व देते हैं सफलता उतने ही हमारे नजदीक होती है |
स्पष्ट होता है कि हमारी सफलता में 'स' अक्षर से बने शब्दों का विशेष महत्व है |जिस व्यक्ति ने 'स' अक्षर से बने शब्दों को अपने जीवन में उतार लिया वह निश्चित रूप से इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा जाता है|
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