शिक्षा पर कविता

शिक्षा है अनमोल धरोहर,,,
मिटता इससे जाति धर्म का भेदभाव,,,,,
आत्मविश्वास का सागर है यह,,,,,
जीरो से हीरो बनते देखे हैं ,,,,,,,,,,,
शिक्षा के प्रेमी हमने,,,,,,,,,
देने से घटती नहीं ,,,,,,,,,,
बढ़ती है यह केवल,,,,,,,,,,
विकास का सूचक है यह,,,,,,,,,,,,,
दरिद्रता को छूमंतर करती ,,,,,,,,,,,,,,
जागरूकता का सशक्त साधन, ,,,,,,,,
साधन संपन्न होते इससे नर नार, ,,,,,,,,
बटवारा न चुरा सकता कोई, ,,,,,,,,,,
जग में मान सम्मान बढ़ता देखा, ,,,,,,,
जिन पर है शिक्षा का वरदान, ,,,,,,,,,,,
दीपा सलमा आत्मनिर्भर बनना है ,,,,,,,,,,,,
तो लेलो शिक्षा का ज्ञान, ,,,,,,,,,,,,
आओ मिलकर शिक्षा से,,,,,,,,,
नर नार के जीवन में करें उजियारा, ,,,,,,,,
मैं भी भेजूं आप भी भेजो ,,,,,,,,,,,,,
शिक्षा के मंदिर में कल्लू कयूम को,,,,,

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