शिक्षा का उजियारा( कविता)
शिक्षा का उजियारा अनोखा,,,,,,,
जिस घर में हो जाता है,,,,,,,,,,
खुशियों उस घर में रुक जाति ,,,,,,,
घर को साधन संपन्न कर देती
समाज में बढ़ जाता मान सम्मान,,,,,,,
जीवन में लेनी है शिक्षा तो,,,,,,
शिक्षा की प्रथम पाठशाला,,,,,,
मातृशक्ति का आदर करो तुम,,,,,,,
अपने जीवन में बनना है कुछ,,,,,,,
शिक्षा का जीवन में करो उजियारा तुम,,,,,,,,,
शिक्षा के महत्व को जिसने समझा,,,,,,,,
जीवन बन गया उसका महत्वपूर्ण,,,,,,,,,,,,,
समाज में घुले जाति धर्म के कैंसर का,,,,,,,,,,
दहेज जैसी कुप्रथा,भ्रूण हत्या का, ,,,,,,,,,,,,,,,
उपचार है शिक्षा का उजियारा,,,,,,,,,,
आओ मिलकर जीवन में करें शिक्षा उजियारा, ,,,,,,,,,,
शिक्षक को जिसने है पूजा, ,,,,,,,,
शिक्षा ने समाज में उसको पुजवाया, ,,,,,,,,,,,
शिक्षा है मानवता का गहना, ,,,,,,,,,,,,
जिसने इस गहने को पहना,,,,,,,,,,,,,
इतिहास बना दुनिया में उसके जीवन का रहना,,,,,,
आओ बिना पक्षपात के जीवन में करें शिक्षा का उजियारा, ,,,,,
शिक्षा है शस्त्र हर स्त्री पुरुष का,,,,,,,,,,,
शोषण से मुक्ति पाना, सम्मान से जीवन जीना है तो, ,,,,,,,,
सीखो इसको हर स्त्री पुरुष चलाना, ,,,,,,,,
आम से खास बनना है तो, ,,,,,,,,,
जीवन में करलो शिक्षा का उजियारा,,,,,,,,,
यदि किसी के जीवन में कर सकते हो ,,,,,,,
तो कर दो शिक्षा का उजियारा ,,,,,,,,
यदि किसी के जीवन से ले सकते हो
तो ले लो शिक्षा का उजियारा,,,,,,,,,,
आओ मिलकर मैं भी भेजूं तुम भी भेजो,,,,,,,,
शिक्षा के मंदिर में राम और रहीम को,,,,,,,,
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