मेरा गांव

प्रातः सुबह चिड़ियों की  जह चाट
खेतों की तरफ जाते हुए किसान
वह हरी-भरी पगडंडीया
पशुओं के घंटियों की कानों में सुरीली आवाजें
गलियों में बच्चों के खेलते हुए शोर-शराबा  की आवाजें
ऐसा गांव है मेरा,,,,,,,,,,
चौपाल पर  बैठकर हुक्का की गुड गुडा के साथ
संपूर्ण गांव के विषय में चर्चा
चूल्हे पर खाना बनाती औरतें
उनके पास पलोथी मारकर खाना खाते हुए
परिवार के सदस्य
एक ही आंगन में संयुक्त परिवार के
सभी सदस्य मिलजुल कर रहते हुए
ऐसा गांव है मेरा,,,,,,,,
खेतों में चरती हुई गायों का झुंड
सिर पर पशुओं के लिए चारा
लाती हुई औरतों की वह लाइने
नीम की दातून से दांत साफ
करते हुए गांव के लोग
मक्के की रोटी और साग से खाने का आनंद
पशुओं का दूध  निकालते हुए वह गवाले
शुद्ध हवा के झोंके
चारों तरफ हरा भरा वह वातावरण
एक दूसरे के दुख सुख में बढ़-चढ़कर
शरीक होने वाले सीधे-साधे लोग
सरकारी नौकरी में फौज को महत्व
देते हुए देश के लिए समर्पण की भावना
राम राम शब्द से एक दूसरे का अभिवादन करते हुए
ऐसा गांव है मेरा,,,,,,,,,
एक सप्ताह पहले रिश्तेदारों का
शादी विवाह में धमक जाना
उपले के विटोरी बनाती महिलाएं
तीज त्योहारों पर
गीत गाती हुई महिलाओं का झुंड
मेलों का एक महीने पहले बच्चों में उत्साह
फिर मेले वाले दिन पीपनियों की आवाजें
झूलों पर झूलती हुई बच्चों की
खुशियों भरे चेहरों को देखते हुए मन खुश हो जाता है
गर्मियों में नहर को स्विमिंग पूल बनाकर
आनंद लेते हुए बच्चों के झुंड
ऐसा गांव है मेरा,,,,,,,,

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