मेरी मां

कोख में नौ महीने रखकर
विभिन्न प्रकार की पीड़ा सहकर जन्म देने वाली है मां
खुद आले सिले में रहकर पूरी रात
मुझे सूखे में सुलाने वाली हे मां
भूखे प्यासे रहकर मेरा पेट भरने वाली है मां
अपनी ख्वाहिशों का गला घोट कर
मेरी ख्वाहिशों को पूरी करने वाली है मां
अपने आप को धूप में रख कर
मुझे छांव में रखती है मां
मेरे बाहर से घर आने तक दरवाजे पर
टकटकी लगाकर मेरा इंतजार करने वाली है मां
मेरी हर कमजोरी में
मेरा साथ निभाने वाली हे मां
मेरी आंख खुलने से पहले
दही का कटोरा भर कर मुझे पिलाने वाली है मां
मेरे दुखी रहने पर
खुद दुखी रहने वाली है मां
मुझे सूर्य की तरह चमकता हुआ
इस संसार में देखने वाली है मां
अपने हिस्से में से पल्लू में बांधकर
मेरे लिए रखने वाली हे मां
खुद अशिक्षित होते हुए
मुझे शिक्षित बनाने वाली है मां
दुश्मन से टकराकर
मेरी रक्षा करने वाली है मां
मेरी हर गंदगी को सहन करके
मुझे साफ रखने वाली है मां
मान सम्मान से समाज में
जीवन जीना सिखाने वाली है मां
मानवता एवं ईमानदारी का
पाठ पढ़ाने वाली है मां
मेरी जिद को मेरे पापा से लड़कर
पूरी कराने वाली है मां
बीमार होने पर पूरी रात जागकर
मेरी चारपाई के पास रहने वाली है मां
दिन में बार-बार पूछ कर क्या खाया
उसकी चिंता करने वाली है मां
मेरी आंखों में आंसू आ जाने पर
जिसकी आंखों में आंसू आ जाए वह है मां
मेरी लाखों कमियों पर
पर्दा डालने वाली है मां

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