आज ऑक्सीजन के लिए रो रहे हैं कल पानी के लिए रोएंगे गौतमबुद्धनगरवासी : डॉ देवेंद्र कुमार नागर
आज ऑक्सीजन के लिए रो रहे हैं कल पानी के लिए रोएंगे गौतमबुद्धनगरवासी : डॉ देवेंद्र कुमार नागर
गौतम बुध नगर प्रदेश में कोरोना महामारी के लिए प्रमुख जिलों में से एक रहा है अन्य जिलों की अपेक्षा यहां पर लोगों को ऑक्सीजन के लिए काफी मारामारी झेलनी पड़ी है इसका मुख्य कारण वृक्षों को काटकर कंक्रीट के जंगल खड़े करे जा रहे हैं जिसकी कीमत यहां के मूलनिवासी ग्रामीण आंचल के लोगों को चुकानी पड़ रही है गांव में लोगों की जमीन उनसे ले ली गई हैं गांव का दुर्भाग्य देखो न अच्छी चिकित्सा सुविधा,न गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,न आवागमन की कोई उचित व्यवस्था है गांवों की उपेक्षा का उदाहरण कोरोना महामारी में आप अच्छे से देख चुके हो जिस स्तर से गौतम बुध नगर में भूमिगत जल का दोहन विभिन्न कंपनियों,आरओ पंपों, समरसेबल,बहु मंजिल इमारतों के बेसमेंट बनाने,तालाबों पर कब्जा कर बहुमंजिला इमारतें बनाना और जो बचे हैं उन्हें कूड़े के ढेर में तब्दील कर दिया गया है यदि समय रहते हुए सचेत नहीं हुए तो वह दिन दूर नहीं होगा जब आज की तरह हम सभी ऑक्सीजन का रोना रो रहे हैं इसी प्रकार पानी के लिए भी रोना पड़ सकता है सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष जिले में भूमिगत जल स्तर लगभग 1 से 2 मीटर नीचे जा रहा है भूमिगत जल स्तर को बढ़ावा देने के लिए सभी को कैच द रन योजना को बढ़ावा देना चाहिए भूमिगत जल स्तर तभी सुधर सकता है जब कंक्रीट के मकानों के पानी को तालाबों, झीलों,वाटर हारवेस्टिंग के द्वारा भूमि में पहुंचाया जाए और अधिक से अधिक वृक्षारोपण शासन प्रशासन तथा आम आदमी को बड़ी ईमानदारी के साथ यह सब कार्य करने होंगे तभी हम जल संकट से बच सकते हैं
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