Korana

लूट,खसोट,धोखा,फरेब सब है
सांसे हैं पर वादियों में हवा नहीं
सलाह,मशवरा,वेद, हकीम सब हैं
मरीज है पर किसी के पास दवा नहीं
गाड़ी घोड़ा,धन-दौलत सब है
शादी बारात है पर चाव नहीं
प्रकृति के गुनहगार सब है
यह आफत उसकी गवाही है                                                     वादियों में जहर घोल रहे सब है
फिर  क्यों ऑक्सीजन के लिए चारों तरफ दबाव है
शमशान कब्रिस्तान अस्पताल भरे सब हैं
सांसे हैं पर वादियों में हवा नहीं
रुको, घरों में ठहर जाओ सब
आफत यह दूरियां लंबी नहीं
समय है गुजर जाएगा सब
फिर वही उमंग,खुशियां होंगी

Comments

Popular posts from this blog

भारत में समाजशास्त्र का उद्भव एवं विकास( Growth and Development of sociology in India)

प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका

समाजशास्त्र का क्षेत्र (scope of sociology) 11