दुजाना लाइब्रेरी का जन्म
गाँव के युवाओं ने अपनी तनखवा खर्च कर दिया लाइब्रेरी को जन्म : डॉ देवेंद्र कुमार नागर
बहुत से गाँवों से बड़े - बड़े पदों पर इस देश के नो जवान इस देश की सेवा कर रहे है ऐसे बहुत से गाँव है जाह ना तो बिजली ना लाइब्रेरी ओर ना किसी इन्स्टिटूट की व्यवस्था है , ओर उस तरह का माहोल दखने के बाद भी वहाँ के युवा साथी आगे निकलकर आते है ओर अपनी मेहनत ओर लगन से अपने गाँव ओर क्षेत्र ओर पूरे देश का नाम रोशन करते है इन गाँवों में से एक गाँव ग्रेटर नॉएडा क्षेत्र में दुजाना भी है जहाँ अब से कुछ समय पूर्व शिक्षा से सम्बंधित कुछ ज़्यादा व्यवस्था उपलब्ध नही थी दुजाना गांव के कुछ शिक्षित नोजवान साथियों ने इस पर विचार किया ओर उन्होंने यह निर्णय लिया की हम छह: से सात लोगों का एक समूह बनाते है ओर अपनी हर महीने की तनखवा का कुछ हिस्सा गाँव के शिक्षा के सम्बन्ध में खर्च करेंगे , फिर इन्होंने 2007 में लाइब्रेरी लाइब्रेरी को जन्म दिया और इस महान सोच ओर कार्य को अंजाम देने वाले ग्राम दूजाना निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता ओमवीर आर्य जी मुख्य सम्पादक दैनिक फ़्यूचर लाइन टाइम्स , अधिवक्ता राजकुमार आर्य जी जिला कार्यवाह ,मां.विनोद नागर अधिवक्ता चैयरमैन आफिसर्स इंटर नेशनल विधालय, उम्मीद संस्था के संस्थापक डॉ० देवेंद्र कुमार नागर,उदय नागर हेड कांस्टेबल दिल्ली मिनिस्ट्री, स्व० अंजिल नागर समाज सेवी ,प्रधान हरेंद्र नागर मैनेजर श्री गांधी इंटर कॉलेज ,संकल्प संस्था के संस्थापक मा० भूपेन्द्र नागर और योगेश नागर , अधिवक्ता ओम नागर , अधिवक्ता सतीश नागर , जयवीर नागर ए डी जे ,नरेंद्र नागर ,विनोद नागर फोज़ी, चैन सिंह नागर ,तहिर खान , साजिद खान ,मॉ०नीरज नागर आदि लोगों का रहा एवं लाइब्रेरी के संस्थापक सदस्य डॉक्टर देवेंद्र कुमार नागर ने बताया कि क्षेत्र की पहली लाइब्रेरी की स्थापना 2007 में ग्राम दुजाना में हुई तो उस समय उद्घाटन करने के लिए अशोक कटारिया पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, प्रोफेसर संजीव सिवाच मेरठ यूनिवर्सिटी और डाक्टर अशोक नागर वर्तमान वरिष्ठ भाजपा नेता के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुआ, गांव के युवाओं और वरिष्ठ जनों बगेर लाइब्रेरी की स्थापना का कार्य असंभव था। प्रारंभ में उद्घाटन प्राईमरी विधालय में हुआ । उस के उपरांत लाइब्रेरी के लिए उचित स्थान का प्रबंध ना होने की वजह से गाँव के श्री गांधी इंटर कॉलेज के पीछे एक बड़ी हाल में इसकी शुरुआत करनी पड़ी फिर वहाँ आने जाने में बच्चों को काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता था , पुनः इसपर विचार करने के बाद गाँव के पंचायत घर में बदली कर वर्ष 2019 में शुरू किया आर्य ने बताया कि ग्राम और छेत्र के लोगों का भी लाइब्रेरी स्थापना में विशेष सहयोग रहा। इस प्रकार गांव के कुछ युवाओं की एक विचार ने गांव की तस्वीर बदल दी इस लाइब्रेरी से पढ़कर देश के विभिन्न कोनों में लगभग 100 से 200 बच्चे विभिन्न सरकारी पदों को सुशोभित कर गांव दुजाना का नाम रोशन कर रहे हैं मै इस तरह की सोच को नमन करता हूँ
Comments
Post a Comment