निशुल्क पुस्तक बैंक के बिंदु
यह एक अद्भुत पहल है जो शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। एनसीआर के 20 निशुल्क बुक बैंकों द्वारा 2 लाख पुरानी पुस्तकों का संग्रह और 16,000 जरूरतमंद बच्चों तक शिक्षा का पहुंचाना एक सराहनीय कार्य है।
इस पहल के मुख्य बिंदु हैं:
- *पुरानी पुस्तकों का संग्रह*: एनसीआर के बुक बैंकों ने लोगों के घरों से 2 लाख पुरानी पुस्तकें इकट्ठा की हैं ¹।
- *शिक्षा का उजाला*: इन पुस्तकों के माध्यम से 16,000 जरूरतमंद बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजाला फैलाया गया है।
- *बच्चा गोद लेने की पहल*: खुशी के मौकों पर लोगों को एक बच्चा शिक्षा के लिए गोद लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
- *सफलता*: अब तक 200 बच्चों को गोद लिया जा चुका है।
- *व्हाट्सएप ग्रुप*: 900 लोग व्हाट्सएप ग्रुप में घरों से पुरानी पुस्तक बुक बैंक में एकत्रित करते हैं।
- *पुरानी पुस्तकों का प्रभाव*: 90% से अधिक अंक पुरानी पुस्तकों के बल पर लगभग 2000 बच्चे ला चुके हैं
#. पुस्तक एक्सचेंज प्रोग्राम
इस कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को अपनी पुरानी पुस्तक एक्सचेंज करने के लिए प्रेरित किया गया।
इस पहल से अब तक लगभग 8000 लोगों को लाभ हुआ है।
पुरानी पुस्तकों के पुनः उपयोग से कचरा और पर्यावरण प्रदूषण में कमी आई है।
#. पुस्तक मेले का आयोजन
बच्चों और अभिभावकों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमित रूप से पुस्तक मेलों का आयोजन किया जा रहा है।
इन मेलों में जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क किताबें प्रदान की जाती हैं।
यह सामुदायिक जुड़ाव को मजबूत करने और शिक्षा को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम है।
#.आर्थिक सहायता
एक बच्चे की किताबों पर औसतन 4000 रुपए खर्च होते हैं।
यह पहल अभिभावकों को आर्थिक राहत प्रदान करती है, जिससे वे अपने बच्चों की शिक्षा में निरंतरता बनाए रख सकें।
#.डॉ. देवेंद्र कुमार नागर का योगदान
डॉ. नागर अपनी आय का 10% शिक्षा के लिए दान करते हैं और समाजसेवा के प्रति लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
#.पर्यावरण संरक्षण
पुरानी पुस्तकों के उपयोग से कागज उत्पादन की आवश्यकता कम हुई है, जिससे पेड़ों की कटाई रोकी जा रही है।
यह पहल पर्यावरण को सुरक्षित रखने और संसाधनों के संरक्षण में अहम योगदान दे रही है।
#.20000 पुरानी किताबों की उपलब्धता
पुस्तक बैंकों में विभिन्न बोर्ड और परीक्षाओं की 20000 पुरानी किताबें संरक्षित की गई हैं, जो शिक्षा के प्रसार को और अधिक सुलभ बनाती हैं।
यह पहल शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण का अनूठा उदाहरण है। यह न केवल बच्चों की शिक्षा का मार्ग प्रशस्त कर रही है, बल्कि एक हरित और शिक्षित समाज की नींव भी रख रही है। ऐसे प्रयासों को और प्रोत्साहन देकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
#सांझा सवारी के माध्यम से प्रत्येक महीने जो आर्थिक बचत होती है वह जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने पर खर्च की जाती है
यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान कर रही है, बल्कि यह समाज में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने में भी मदद कर रही है।
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