बच्चों के शैक्षिक स्तर में गुणात्मक वृद्धि कैसे करें?
बच्चा जब पैदा होता हैतो वह कोरी स्लेट के समान होते हैं |समाज में रहकर ही वह सब कुछ सीखते हैं |समाज में रहकर ही उसे अच्छे एवं बुरे का ज्ञान होता है| बच्चा लगभग 4 वर्ष तक सबसे अधिक अपने परिवार से ही सीखता है| उसके बाद वह पास पड़ोस के बच्चों से सीखने को मिलता है| लगभग 4 वर्ष के बाद उसके स्कूलिंग शिक्षा प्रारंभ होती है|यहीं से उसका संपर्क अपनी कक्षा के छात्रों ,विद्यालय के छात्रों ,अध्यापकों तथा अन्य लोगों के साथ होता है|लगभग टीनएज तक बच्चों को अपने अच्छे या बुरे का विशेष ज्ञान नहीं होता है| वह अपने माता-पिता तथा परिवार के लोगों की तुलना में अपने मित्र मंडली की बातों का अधिक अनुसरण करते हैं|इस स्तर पर आकर अभिभावकों को अपने बच्चों के प्रति अधिक सजग रहने की आवश्यकता होती है|क्या अभिभावकों के दिमाग में अपने बच्चों के प्रति इस प्रकार के प्रशन कभी आते हैं? वह किसके साथ खेलता है?किसके साथ घूमता है?कक्षा में उसके कैसे मित्र हैं? वह क्या पढ़ रहा है?उसके अध्यापक उसे क्या पढ़ा रहे हैं? कैसा पढ़ा रहे हैं?क्या वह होमवर्क करता है? क्या वह किसी अन्य बच्चे की कॉपी लेकर उसकी कॉपी तो नहीं करता है ?वह ...