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दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिक

वृद्ध महिला पुरुष तथा दिव्यांगों के लिए किए गए कार्यों का विवरण पिछले 10 वर्षों से वरिष्ठ महिला-पुरुष तथा दिव्यांग नागरिकों को सहायक उपकरण जैसे छड़ी, कान की मशीन, आंखों के चश्मे, कमर व घुटने की गर्म पत्तियां, पोर्ट चेयर, व्हीलचेयर एवं इलेक्ट्रिक स्कूटी उपलब्ध करा रहे हैं। अपनी आय का 10% हिस्सा नियमित रूप से वरिष्ठ महिला-पुरुष एवं दिव्यांग नागरिकों के सहायक उपकरण दिलाने में सहयोग के लिए समर्पित करते हैं। प्रत्येक रविवार और अवकाश के दिन वरिष्ठ नागरिकों तथा दिव्यांगों की सेवा और सहयोग को समर्पित करते हैं। वरिष्ठ महिला-पुरुष तथा दिव्यांगों को समाज कल्याण विभाग से पेंशन दिलाने में आवश्यक दस्तावेज तैयार कराने और प्रक्रिया पूरी कराने में सहयोग करते हैं। वृद्ध व दिव्यांग नागरिकों को उनकी आय प्रमाण पत्र एवं UDID कार्ड बनाने के लिए प्रेरित करते हैं और सहयोग प्रदान करते हैं। समय-समय पर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाते हैं और समाज में उनकी गरिमा को स्थापित करते हैं। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर उन्हें निशुल्क दवाइया...

--🌍 "जनसंख्या का कोहराम" 🌍

🌍 "जनसंख्या का कोहराम" 🌍 बढ़ती जनसंख्या ने मचाया चारों ओर कोहराम, धरती बोली – "अब तो समझो, कब करोगे आराम?" पेड़ कटे, जंगल उजड़े, जल भी हुआ बीमार, प्रकृति रोई, बोली – "अब तो थम जाओ मेरे यार!" रोज़ नए मकान बनते, खेत हुए वीरान, जीवनदायिनी मिट्टी भी अब लगे करे हाहाकार। सांस लेना हो रहा मुश्किल, प्रदूषण फैले चारों ओर, जनसंख्या की इस बाढ़ में, थर्राया है हर एक छोर। स्कूल भरे हैं बच्चों से, रोज़गार की कमी बड़ी, भविष्य की नींव लड़खड़ाए, उम्मीदें गईं झड़ी-झड़ी। पानी कम, खाना घटा, संसाधन भी कहें “बस!”, फिर भी मानव न सुधरे, बढ़ती जनसंख्या का उल्लास। अब भी समय है सोचो, लो एक सशक्त प्रण, शिक्षा, जागरूकता से ही मिलेगा सबको जीवन धन। संयम से रचो समाज को, दो धरती को आराम, वरना यही जनसंख्या ले आएगी सर्वनाश का नाम।

अक्षर ज्ञान पाठशाला गाजियाबाद

मैं किसी कार्य से बाहर जा रही थी, तभी मेरी नजर कुछ झुग्गी-झोपड़ियों की ओर पड़ी। वहां छोटे-छोटे बच्चे इधर-उधर घूम रहे थे। उनके मैले-कुचैले और फटे पुराने कपड़े, नंगे पैर, और कुछ के हाथों में कटोरे देख मन भीतर तक हिल गया। वे शायद भीख मांगने जा रहे थे। मेरा कदम वहीं रुक गया, और मन ने कहा—इन बच्चों को किताबों से जोड़ो, इन्हें अक्षरों की उड़ान दो। राजनगर एक्सटेंशन निवासी अध्यक्ष सुनहरी दिशा चैरिटेबल ट्रस्ट ज्योति तोमर बताती है कि मेरे मन में उन बच्चों को शिक्षित करने का विचार आया  मैं अपने सहयोगी उम्मीद संस्था के संस्थापक डॉ. देवेंद्र कुमार नागर से संपर्क किया, जो पहले से ही जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित हैं। हमने मिलकर उन बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया और और बच्चों को शिक्षा देने के विचार से उन्हें अवगत कराया वह बहुत ही खुश हुए वहीं पर अक्षर ज्ञान पाठशाला की नींव रख दी। ज्योति तोमर बताती हैं कि अपनी पॉकेट मनी से तथा सहयोगी डॉक्टर देवेंद्र कुमार नागर अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा से बच्चों के लिए कॉपियाँ, किताबें, पेन-पेंसिल खरीदीं। धीरे-धीरे बच्चे पढ़ाई में रुचि लेने लगे। भावन...

निशुल्क पुस्तक बैंक के बिंदु

यह एक अद्भुत पहल है जो शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। एनसीआर के 20 निशुल्क बुक बैंकों द्वारा 2 लाख पुरानी पुस्तकों का संग्रह और 16,000 जरूरतमंद बच्चों तक शिक्षा का पहुंचाना एक सराहनीय कार्य है। इस पहल के मुख्य बिंदु हैं: - *पुरानी पुस्तकों का संग्रह*: एनसीआर के बुक बैंकों ने लोगों के घरों से 2 लाख पुरानी पुस्तकें इकट्ठा की हैं ¹। - *शिक्षा का उजाला*: इन पुस्तकों के माध्यम से 16,000 जरूरतमंद बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजाला फैलाया गया है। - *बच्चा गोद लेने की पहल*: खुशी के मौकों पर लोगों को एक बच्चा शिक्षा के लिए गोद लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। - *सफलता*: अब तक 200 बच्चों को गोद लिया जा चुका है। - *व्हाट्सएप ग्रुप*: 900 लोग व्हाट्सएप ग्रुप में घरों से पुरानी पुस्तक बुक बैंक में एकत्रित करते हैं। - *पुरानी पुस्तकों का प्रभाव*: 90% से अधिक अंक  पुरानी पुस्तकों के बल पर लगभग 2000 बच्चे ला चुके हैं #. पुस्तक एक्सचेंज प्रोग्राम इस कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को अपनी पुरानी पुस्तक एक्सचेंज करने के लिए प्रेरित किया गया। इस पहल से अब तक लगभग 8000...

दुजाना लाइब्रेरी का जन्म

गाँव के युवाओं ने अपनी तनखवा खर्च कर दिया लाइब्रेरी को जन्म : डॉ देवेंद्र कुमार नागर बहुत से गाँवों से बड़े - बड़े पदों पर इस देश के नो जवान इस देश की सेवा कर रहे है ऐसे बहुत से गाँव है जाह ना तो बिजली ना लाइब्रेरी ओर ना किसी इन्स्टिटूट की व्यवस्था है , ओर उस तरह का माहोल दखने के बाद भी वहाँ के युवा साथी आगे निकलकर आते है ओर अपनी मेहनत ओर लगन से अपने गाँव ओर क्षेत्र ओर पूरे देश का नाम रोशन करते है इन गाँवों में से एक  गाँव ग्रेटर नॉएडा क्षेत्र में दुजाना भी है जहाँ अब से कुछ समय पूर्व शिक्षा से सम्बंधित कुछ ज़्यादा व्यवस्था उपलब्ध नही थी दुजाना गांव के कुछ शिक्षित नोजवान साथियों ने इस पर विचार किया ओर उन्होंने यह निर्णय लिया की हम छह: से सात लोगों का एक समूह बनाते है ओर अपनी हर महीने की तनखवा का कुछ हिस्सा गाँव के शिक्षा के सम्बन्ध में खर्च करेंगे , फिर इन्होंने 2007 में लाइब्रेरी लाइब्रेरी को जन्म दिया और इस महान सोच ओर कार्य को अंजाम देने वाले ग्राम दूजाना निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता ओमवीर आर्य जी मुख्य सम्पादक दैनिक फ़्यूचर लाइन टाइम्स , अधिवक्ता राजकुमार आर्य जी जिला कार्यवाह ,मां.व...

14. निशुल्क पुस्तक बैंक के माध्यम से क्षेत्र मे लोगों के घरों में उपयोगी रद्दी पुस्तकों लगभग प्रतिवर्ष 90000 पुस्तकों को पुस्तक बैंक में हजारों लोगों के सहयोग से जमा कर जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ पुस्तकों के निर्माण में प्रत्येक वर्ष लाखों करोड़ों लीटर पानी की बर्बादी को बचाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है तथा प्रत्येक वर्षविभिन्न लोगों के सहयोग से वृक्षारोपण कर जल संरक्षण की दिशा में प्रयास किया जा रहा है

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5. क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों तथा अध्यापकों को सामूहिक भागीदारी के द्वारा जल संरक्षण के लिए चुना गया जिनके द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 10000 पौधे लगाई गई और इन बच्चों से प्रेरित होकर गौतम बुद्ध नगर से सटे जिलों में भी बच्चों ने बड़े स्तर पर पौधारोपण कर जल संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं लगभग प्रत्येक वर्ष 5000 बच्चों को  जल संरक्षण पर रैली, पोस्ट प्रतियोगिता, डिबेट, निबंध के माध्यम से बच्चों में जल संरक्षण का बीज अंकुरित करने का प्रयास चल रहा है जिसके परिणाम सकारात्मक मूर्त तथा अमूर्त देखने को मिल रहे हैं बच्चों के द्वारा घर पर जाकर अपने परिवार जनों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है इस प्रकार एक बच्चे के द्वारा लगभग पांच परिवार जनों को जल संरक्षण करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं इस प्रकार बच्चों तथा उनके परिवार जनों को मिलाकर प्रत्येक वर्ष 25000 लोग जल संरक्षण के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से डॉक्टर देवेंद्र कुमार नागर के द्वारा प्रेरित किया जा रहे हैं गौतम बुध नगर के भूगर्भ जल विभाग के साथ मिलकर सोसाइटियों तथा गांव में चौपाल के द्वारा लगभग प्रत्येक व...